Mineral Resources in Jharkhand: झारखण्ड में खनिज बहुलता के कारण इसे भारत का रूर भी कहा जाता है जो कि ब्रिटेन के खनिज संपदा से परिपूर्ण एक जगह के नाम रूर से प्रेरित है। सम्पूर्ण भारत में खजिन उत्पादन के मामले में झारखण्ड को पहला (प्रथम स्थाना प्राप्त है। सम्पूर्ण भारत में खजिन उत्पादन का झारखण्ड का 40% हिस्सा है राज्य को केवल खनन उद्योग से 3000 करोड़ रूपये का कमाई होता है।
Mineral Resources in Jharkhand:
- खनिज के क्षेत्र में झारखण्ड का विशिष्ट स्थान है।
- खनिज संसाधनों की बहुलता के कारण ही झारखण्ड को भारत का रूर प्रदेश यहां सभी महत्वपूर्ण धात्विक एवं अधात्विक खनिज उपलब्ध हैं।
- झारखण्ड खनिज उत्पादन की दृष्टि से सम्पूर्ण भारत में सर्वोच्च स्थान पर है। इसके कारण इसे रत्नगर्भा भी कहा जाता है।
- मूल्य की दृष्टि से भारत के कुल खनिज उत्पादन का 26 प्रतिशत एवं उत्पादन की दृष्टि से देश के कुल खनिज उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा वर्तमान में अकेले झारखण्ड राज्य से उत्खनित किया जाता है।
- कोयला, अभ्रक, लोहा, तांबा, चीनी मिट्टी, फायर क्ले, कायनाइट, ग्रेफाइट, बॉक्साइट तथा चूना पत्थर के उत्पादन में झारखण्ड अनेक राज्यों से आगे है।
- एस्बेस्टस, क्याज तथा आण्विक खनिज के उत्पादन में भी झारखण्ड का स्थान महत्वपूर्ण है।
- यहां अधिकांश खनिज धारवाड और विन्ध्य प्रणाली के चटदानों से प्राप्त होता है।
Mineral Resources in Jharkhand: भारत में उपलब्ध खनिजों के भंडार की तुलना में झारखण्ड का भंडार
आंकड़ा मिलियन टन में
खनिज | भारत (भंडार) | झारखण्ड (भंडार) | प्रतिशत |
कोयला | 211593.61 | 69128 | 32.09 |
लौह अयस्क | – | – | – |
(क) हेमेटाइट | 10052 | 3758 | 37 |
(ख) मैग्नेटाइट | 3408 | 5 | 0.01 |
चूना पत्थर | 75678 | 511 | 0.67 |
ताम्र-अयस्क | 441 | 112 | 25 |
बॉक्साइट | 2462 | 70 | 2.8 |
कायनाइट | 2.8 | 0.13 | 4.6 |
अग्नि मिट्टी | 578 | 50 | 9.65 |
ग्रेफाइट | 4.5 | 0.38 | 8.4 |
क्वार्टज / सिलिका | 2402 | 148 | 6.1 |
चाइनाक्ले | 1042 | 45.69 | 4.38 |
★ कोयला:
- झारखण्ड कोयले के उत्पादन एवं भंडारण दोनों ही दृष्टि से देश का अग्रणी राज्य है।
- यहां देश के कोयले के कुल उत्पादन का लगभग 33 प्रतिशत भाग उत्पादित होता है।
- यहां बिटुमिनस और एंथ्रासाइट दोनों ही प्रकार का उपयोगी कोयला उपलब्ध है।
- झारखण्ड में कोयले की प्राप्ति गोण्डवाना क्रम की चट्टानों से होती है।
- झारखण्ड में सर्वप्रथम कोयला खनन का प्रारम्भ दामोदर नदी घाटी कोयला क्षेत्र के अंतर्गत झरिया में हुआ।
- यहां के कुल कोयले का 70 प्रतिशत उत्पादन झरिया क्षेत्र से होता है। यह क्षेत्र भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के अंतर्गत है।
- झरिया में उत्तम किस्म का कोकिंग कोयला पाया जाता है।
- दामोदर घाटी कोयला क्षेत्र राज्य के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 95 प्रतिशत उत्पादित करता है। साथ ही यह क्षेत्र कोंकिंग कोयले का शतप्रतिशत उत्पादक क्षेत्र है।
- झारखण्ड में कोयले का खनन दामोदर घाटी, सोन घाटी तथा राजमहल के क्षेत्रों में होता है।
- दामोदर घाटी में झरिया, उत्तरी और दक्षिणी कर्णपुरा, पूर्वी व पश्चिमी बोकारो तथा रामगढ़ कोयला खनन क्षेत्र हैं।
- दामोदर घाटी क्षेत्र में कोयले का सबसे बड़ा उत्पादक झरिया कोयला क्षेत्र है।
- बोकारो कोयला क्षेत्र बोकारो नदी घाटी में स्थित है। कर्णपुरा कोयला क्षेत्र का विस्तार दामोदर घाटी में पाया जाता है।
- उत्तरी कोयल घाटी क्षेत्र का कोयला पलामू, लातेहार तथा गढ़वा में संचित है।
- यहां प्रतिवर्ष लगभग 8.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होता है।
- राजमहल के अतिरिक्त देवघर के निकटवर्ती खानों से भी कोयला निकाला जाता यहां का कोयला बिटुमिनस प्रकार का है।
- राज्य में कोयले का कुल भंडार 69,128 मिलियन टन है, जो देश के कुल कोयला भंडार का 32.09 प्रतिशत है।
- भारत का 95 प्रतिशत से अधिक कोक बनाने योग्य कोयले की खान झारखण्ड में ही अवस्थित है।
- सिकनी कोयला परियोजना लातेहार में स्थित है।
★ Mineral Resources in Jharkhand: लौह-अयस्क:
- झारखण्ड में लौह-अयस्क धारवाड़ क्रम की चट्टानों से मिलता है।
- झारखण्ड में लौह-अयस्क हेमेटाइट कोटि का है, जिसमें 60-68 प्रतिशत तक लोहे का अंश पाया जाता है।
- यहां लौह-अयस्क का कुल भंडार 3,758 मिलियन टन है, जो देश के कुल भंडार का 37 प्रतिशत है।
- यहां से प्रत्येक वर्ष करीब 120 लाख टन लोहे का उत्पादन होता है।
- लोहे का मुख्य उत्पादन पश्चिमी सिंहभूम जिले में गुवा से लेकर उड़ीसा में गुनाई तक फेली एक पट्टी में होता है, जिसे बड़ा जाम्दा कॉम्प्लेक्स कहते हैं। यह विश्व की सबसे घनी लोहे की पट्टी है।
- यहां नोवामुंडी, पंचसेरा, बुरू, गुवा, जाम्दा, कमारपत, घाटपुर, किरीबुरू आदि लोहे के प्रमुख खनन केन्द्र हैं।
- नोवामुण्डी की खान एशिया की सबसे बड़ी लोहे की खान है।
★ मैग्नीज:
- यह लौह समूह का दूसरा प्रमुख खनिज है।
- झारखण्ड में मैगनीज की प्राप्ति धारवाड़ क्रम के चट्टानों से होती है।
- इसका उपयोग इस्पात बनाने के साथ-साथ बैट्री, विभिन्न प्रकार के रंग एवं रसायनउधोग में किया जाता है।
- यहां मैंगनीज के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं। ये हैं- 1. गुवा से लिम्टू 2. चाईबासा से बड़ा जाम्दा, तथा 3.बड़ा जाम्दा से नोवामुण्डी।
★ तांबा:
- तांबे के उत्पादन तथा भंडारण के दृष्टिकोण से झारखण्ड भारत का अग्रणी राज्य है।
- झारखंड में तांबे का कुल भंडार 112 मिलियन टन है, जो भारत के कुल भंडार का 25 प्रतिशत है।
- राज्य में भारत का सबसे अधिक ताम्बे का उत्पादन होता है।
- यहां तांबे का खनन मुसाबनी, सरायकेला, राखामाईस, पत्थरगोड़ा, घाटशिला तथा बहरागोड़ा में होता है।
- यहां तांबे की अच्छी किस्में पायी जाती है।
★ बॉक्साइट :
- झारखंड में बॉक्साइट का भी अच्छा भंडार है।
- बॉक्साइट एल्युमिनियम का एकमात्र स्रोत है।
- यहां बॉक्साइट का कुल भंडार 70 मिलियन टन है, जो भारत के कल बॉक्साइट भण्डारण का 2.8 प्रतिशत है।
- झारखण्ड में बॉक्साइट का सम्पूर्ण भण्डार पाट प्रदेश में संचित है, जहां के दो जिले गुमला एवं लोहरदगा बॉक्साइट के उत्पादन में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है।
- बॉक्साइट को गला कर एल्युमिनियम धातु निकाली जाती है।
- मुरी में बॉक्साइट गलाने का सबसे बड़ा संयंत्र है।
★ क्रोमाइट, क्रोमियम:
- इन धातुओं का एकमात्र स्रोत झारखण्ड है।
- इसका उपयोग स्टेनलेस स्टील बनाने में किया जाता है।
- यहां भारत के कुल उत्पादन का 14 प्रतिशत से अधिक उत्पादित हो ।
- इसके अतिरिक्त कई रसायन उद्योगों में भी इसका उपयोग होता है।
- यह सिंहभूम जिले में मिलता है, तथा इसका वार्षिक उत्पादन 2000 टन है।
★ अभ्रक:
- झारखण्ड में कई गैर-धात्विक खनिज भी मिलते हैं, जिनमें अम्रक प्रमुख है।
- झारखंड में उच्च कोटि का मास्कोवाइट अभ्रक पाया जाता है, जिसकी मांग पूरे विश्व में है।
- राज्य में अनक का कुल भंडार 17,800 लाख टन है, जो देश के कुल भंडार का 46.51 प्रतिशत है।
- यहां प्रतिवर्ष लगभग 950 लाख टन अभ्रक का उत्पादन होता है।
- कोडरमा, गिरिडीह तथा हजारीबाग अभ्रक के विश्वविख्यात व्यापारिक केन्द्र हैं।
- रुबी श्रेणी के अभ्रक का उत्पादन कोडरमा तथा गिरिडीह जिले में होता है।
★ Mineral Resources in Jharkhand: चूना पत्थर:
- चूना पत्थर का उपयोग लौह-इस्पात और सीमेंट उद्योग में होता है।
- यह झारखंड के पलामू क्षेत्र में पाया जाता है।
★ कायनाइट:
- झारखण्ड में कायनाइट का कुल भंडार 0.13 मिलियन टन है, जो देश के कुल भंडार का 4.6 प्रतिशत भाग है।
- यह एक ऐसा खनिज है, जिसका उपयोग ताप निरोधक ईंट बनाने में होता है।
- चीनी मिटट्टी के बर्तनों के उत्पादन में भी इसकी आवश्यकता पड़ती है।
- विश्व में सबसे अधिक कायनाइट भारत में ही पाया जाता है और झारखण्ड इसमें अग्रणी राज्य है।
- काइनाइट का सबसे बड़ा भंडार लाप्साबुरू क्षेत्र में है, जहां प्रतिवर्ष 28,000 टन कायनाइट का उत्पादन किया जाता है।
★ ग्रेफाइट:
- राज्य में ग्रेफाइट का कुल भंडार 0.38 मिलियन टन है, जो भारत के कुल भंडार का 8.4 प्रतिशत भाग है।
- यहां प्रतिवर्ष 99.06 टन ग्रेफाइट का उत्पादन होता है।
- ग्रेफाइट का भंडार झारखण्ड के लातेहार, पलामू एवं गढ़वा जिले
★ टंगस्टन
- इसका प्रयोग विद्युत उद्योगों तथा लौह धात के निर्माण में किया जाता है।
- पू. सिंहभूम के कालीमाटी में इसका उत्पादन होता है।
- हजारीबाग में टंगस्टन की प्रारंभिक खुदाई शुरू हुई है।
★ सीसा :
- यह प्रायः चांदी एवं जस्ते के साथ मिला हुआ पाया जाता है।
- हजारीबाग, संथाल परगना, सिंहभूम एवं रांची इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।
★ सोना:
- झारखण्ड के सिंहभूम क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी की घाटी, पलामू क्षेत्र की सोन घाटी, रांची हजारीबाग का दामोदर घाटी क्षेत्र तथा फल्यू नदी के घाटी क्षेत्र में सोने की सीमित मात्रा में प्राप्ति होती हैं।
★ चांदी :
- यह छोटानागपुर पठार में मुख्यतः सीसा, जस्ता, गंधक और तांबा के साथ मिश्रित रूप में प्राप्त होती है।
- हजारीबाग, रांची, सिंहभूम, पलामू तथा संथाल परगना में इसके भंडार पाये गये हैं।
- चांदी साफ करने का कारखाना टुंडू में स्थापित है।
★ टीन
- यह कैसिटराइट नामक कच्ची धातु से प्राप्त होता है, जो आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है।
- यह संथाल परगना, हजारीबाग, पलामू, रांची और सिंहभूम जिलों के कई स्थलों से प्राप्त होता है।
★ एस्बेस्ट्स
- यह एक चमकीला तथा रेशादार खनिज है, जो धारवाड़ क्रम की चट्टानों में पाया जाता है।
- सिंहभूम एवं रांची जिले इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।
★ डोलोमाइट:
- इसका उपयोग घमन भट्ठियों एवं रिफ्रेक्ट्री उद्योगों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
- इसका मुख्य उत्पादक जिला पलामू है।
★ चीनी मिट्टी:
- रांची, पलामू, तथा सिंहभूम इसके मुख्य उत्पादक जिले हैं।
★ यूरेनियम :
- झारखण्ड में आण्विक खनिजों में सबसे बड़ा भंडार यूरेनियम का है।
- यह धारवाड़ तथा आर्कियन युग की चट्टानों से सिंहभूम जिले से निकाला जाता है।
- झारखण्ड में यूरेनियम अयस्क का भंडार जादूगोड़ा में पाया जाता है।
- जादूगोड़ा की खान यूरेनियम की प्रमुख उत्पादक खान है।
- यहां यूरेनियम कारखाना भी स्थापित किया गया है।
★ थोरियमः
- यह भी एक महत्वपूर्ण आण्विक खनिज है, जिसका झारखण्ड क्षेत्र में दो लाख टन भंडार सुरक्षित है।
- यह रांची पठार और धनबाद जिले के क्षेत्रों में पाया जाता है।
★ बेरिलियम:
- बेरिलियम की प्राप्ति बेरिल नामक खनिज प्रस्तर से होती है।
- यह कोडरमा तथा गिरिडीह जिले में पाया जाता है।
★ जिरकन:
- यह रांची तथा हजारीबाग जिले से निकाला जाता है।