Power Projects in Jharkhand: झारखंड की जल विद्युत परियोजनाओं पर ग्रहण लग गया है। लगभग दो साल बाद भी किसी प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पाया। हाइडल पावर प्लांट के लिए राज्य सरकार ने 68 जगहों का चयन किया था। इन जगहों पर पांच से 400 मेगावाट तक के पावर प्लांट स्थापित करने की योजना थी। सरकार ने इसके लिए फीडबैक वेंचर को परामर्शी नियुक्त किया था।
Power Projects in Jharkhand:
- वर्तमान युग में ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत विद्युत है।
- झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2.590 मेगावाट है।
- राज्य में प्रति इकाई विद्युत की खपत लगभग 200 किलोवाट है, जो कि राष्ट्रीय औसत 450 किलोवाट का आधा से भी कम है।
- राज्य में विद्युत ऊर्जा के दो मुख्य स्रोत है- ताप विद्युत और जल विद्युत
- झारखण्ड में विद्युत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत तापीय विद्युत है।
झारखण्ड की ताप एवं जल विद्युत परियोजना
ताप विद्युत परियोजनाएं | स्थापना वर्ष | उत्पादन क्षमता |
बोकारो ताप विद्युत गृह | 1953 | 830 मेगावाट |
चन्द्रपुरा ताप विद्युत गृह | 1965 | 780 मेगावाट |
पतरातू ताप विद्युत गृह | 1973 | 840 मेगावाट |
तेनुघाट ताप विद्युत गृह | 1990का दशक | 420 मेगावाट |
तिलैया जल विद्युत केन्द्र | 1953 (झारखण्ड का प्रथम) | 60000 किलोवाट |
मैथन जल विद्युत केन्द्र | 1953 | 60000 किलोवाट |
जल विद्युत केन्द्र | 1959 | 40000 किलोवाट |
कोनार जलविद्युत केन्द्र | 1955 | 40000 किलोवाट |
स्वर्णरेखा (सिकिदिरी) जल विद्युत केन्द्र | 1989 | 130 मेगावाट |
बाल पहाड़ी जल विद्युत केन्द्र | – | 20000 किलोवाट |
अय्यर जल विद्युत केन्द्र | – | 45000 किलोवाट |