Ramgarh Session of Congress Jharkhand: रामगढ़ अधिवेशन में ही भारत छोड़ों आंदोलन की नींव पड़ी जिसके साढ़े 6 साल बाद देश को आजादी मिली। महात्मा गांधी उक्त अधिवेशन में स्वंय पधारे थे। वह रांची से फिटिन गाड़ी में रामगढ़ पहुंचे तथा अधिवेशन स्थल पर लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था।
Ramgarh Session of Congress
- कांग्रेस का 53वां अधिवेशन 19-20 मार्च, 1940 को हजारीबाग जिला के रामगढ़ में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
- 14 मार्च, 1940 को गांधीजी ने रामगढ़ में खादी ग्राम उद्योग का उद्घाटन किया।
- कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक रामगढ़ में 15-18 मार्च, 1940 को हुई।
- कांग्रेस विषय निर्वाचनी समिति की बैठक 17, 18 और 19 मार्च को हुई। बैठक के प्रथम दिन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत और विश्व संकट पर मुख्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया।
- इस अधिवेशन में कांग्रेस ने एकमात्र प्रस्ताव पारित किया, यह प्रस्ताव सत्याग्रह पर था। प्रस्ताव का अनुमोदन आचार्य जे. बी. कृपलानी ने किया।
- रामगढ़ अधिवेशन के दौरान सुभाष चन्द्र बोस की अध्यक्षता में अखिल भारतीय समझौता विरोधी सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की स्वागतकारिणी के अध्यक्ष सहजानन्द सरस्वती थे।
- यहीं फारवर्ड ब्लॉक का जन्म हुआ।
- एम.एन. राय ने रेडिकल डेमोक्रेटिक पाटी की नींव यहीं डाली।
- रामगढ़ कांग्रेस के मुख्य प्रवेश द्वार का नामकरण बिरसा मुंडा के नाम पर किया गया
- सभास्थल का नाम मजहर नगर रखा गया था।
कांग्रेस का 53वां अधिवेशन
स्थान | रामगढ़ |
प्रारंभ | 19-20 मार्च, 1940 |
अध्यक्षता | मौलाना अबुल कलाम आजाद |
अध्यक्ष, स्वागत समिति | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
उपाध्यक्ष, स्वागत समिति | श्री कृष्ण सिंह, डॉ. सैयद महमूद |
महासचिव, स्वागत समिति | श्री अनुग्रह नारायण सिंह |
प्रचार पदाधिकारी, स्वागत समिति | श्री ज्ञानचन्द्र सोधी |
पदाधिकारी स्वागत समिति | श्री अम्बिका कान्त सिंह |
प्रमुख स्वयं सेविकाएं | श्रीमती सरला देवी, कुमारी प्रेमा कण्टक, कुमारी इन्द्रमति जुनाज, कुमारी तारा पटवर्धन, श्रीमती भ्योजो भटवरकर । |