Chota Nagpur Plateau in Hindi

River Valley Projects of Jharkhand in Hindi

River Valley Projects of Jharkhand : झारखंड राज्य के प्रमुख बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएं :-इस परियोजना के अंतर्गत – 8 बड़े बांध, 1अवरोधक बांध, 6 जल विद्युत गृह एवं , 3 ताप विद्युत गृह का निर्माण किया गया। इस परियोजना के तहत मयूराक्षी केेे ऊपरी भाग में कनाडा बांध (दुमका जिले में मसानजोर नामक स्थल पर) गया है।

River Valley Projects of Jharkhand :

  • नदी घाटी परियोजनाओं द्वारा सिंचाई के साथ बाढ़ नियंत्रण, जल विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, नौका परिवहन आदि कार्य किये जाते हैं। इसके लिए नदी पर बांध बनाये जाते हैं, जिसे बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना कहते हैं।
  • भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना को आधुनिक भारत के मंदिर, मस्जिद एवं गुरुद्वारा कहा है।

(i) दामोदर घाटी परियोजना :

  • यह भारत की प्रथम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है।
  • इस परियोजना की रूप-रेखा U.S.A की टेनेसी नदी घाटी योजना के आधार पर तैयार की गयी हैं:
  • यह परियोजना झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल की संयुक्त परियोजना है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत आठ बांध, एक अवरोधक बांध एवं तीन तापीय विद्युत केन्द्रों की स् का प्रावधान किया गया था। इससे संबंधित बांध एवं नदियां हैं:
बांधनदी
तिलैया बांधबराकर नदी
मैथन बांधबराकर नदी
कोनार  बांधकोनार नदी
बोकारो बांधबोकारो नदी
बाल पहाड़ी बांधबराकर नदी
पंचेत बांध दामोदर व बराकर नदी
बर्मो बांधदामोदर नदी
अय्यर बांधदामोदर नदी

अवरोधक बांध : दुर्गापुर अवरोधक बांध

(ii) स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना

  • यह झारखण्ड की दूसरी महत्वपूर्ण परियोजना है, जो स्वर्णरेखा एवं उसकी सहायक नदियों पर स्थित है।
  • यह झारखण्ड, पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा की संयुक्त परियोजना है।

(iii)मयूराक्षी परियोजना

  • यह परियोजना झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल दोनों ही राज्यों में चलायी जा रही है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत दुमका जिले में मसानजोर नामक स्थान पर डैम का निर्माण किया गया है।
  • यह डैम कनाडा सरकार की सहायता से बना है। अत: इसे कनाडा डैम भी कहा जाता है।

(iv) कोवलकारो परियोजना

  • यह झारखण्ड राज्य की एक अत्यंत महत्वपूर्ण नदी घाटी परियोजना है, जिसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पनबिजली उत्पादन तथा भूमि क्षरण को रोकना है।
  • यह परियोजना दक्षिण कोयल नदी तथा इसकी सहायक कारो नदी पर स्थित है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत 710 मेगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य है।
  • जनता के प्रबल विरोध के कारण यह परियोजना बंद पड़ी है।

महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य

अमेरिका की टेनेसी नदी घाटी परियोजना के आधार पर दामोदर नदी घाटी परियोजना की स्थापना 1948 ई. में की गयी।
दामोदर नदी घाटी परियोजना की स्थापना दामोदर में आने वाली बाढ़ से अपार जन-धन की हानि को रोकने के लिए की गयी थी
भारत की प्रथम जलविद्युत परियोजना दामोदर नदी पर बनाई गयी।
झारखण्ड की हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट तिलैया में है।
दामोदर पाटी परियोजना में कुल 8 बाध है।
झारखण्ड के हजारीबाग में दामोदर घाटी निगम का भूमि संरक्षण डिवीजन है।
जमशेदपुर स्वर्णरेखा एवं खरकाई नदियों के संगम पर अवस्थित है। 
कनाडा बांध मयूराक्षी नदी पर अवस्थित है।
तिलैया बांध का निर्माण बराकर नदी पर किया गया है। 
अय्यर बांध का निर्माण दामोदर नदी पर किया गया है।
बोकारो बांध का निर्माण बोकारो नदी पर हुआ है।
मैथान बांध का निर्माण बराकर नदी पर किया गया है।
कोनार बांध का निर्माण कोनार नदी पर किया गया है। 
पंचेत बांध का निर्माण दामोदर एवं बराकर नदी के संगम पर किया गया है।
स्वर्णरेखा,गारा तथा द० कोयल नदी की रेस में सोने के कण पाये जाते है।
गगा नदी झारखण्ड के साहेबगंज जिले से सटकर गुजरती है।

प्रमुख बांध एवं संबंधित नदी

क्रमबांधनदीनिर्माण वर्षजिला
1तिलैया बराकर 1953कोडरमा
2कोनारकोनार 1954हजारीबाग
3मैथन बराकर 1958धनबाद
4पंचेत दामोदर व बराकर के संगम पर 1959धनबाद
5चांडिलस्वर्णरेखा1982सरायकेला-खरसावां
6तेनुघाटदामोदर1973बोकारो
7नलकारीनलकारी1968रामगढ़
8कनाडामयूराक्षी1955दुमका
9गेतलसूदस्वर्णरेखा1971रांची

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