Forest of Jharkhand: लगभग संपूर्ण प्रदेश छोटानागपुर के पठार पर अवस्थित है। संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है। बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर झारखंड प्रदेश का सृजन किया गया था। इस प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में धनबाद, बोकारो एवं जमशेदपुर शामिल हैं।
Forest of Jharkhand:
- प्राकृतिक वनस्पति की दृष्टि से झारखण्ड एक सम्पन्न राज्य है।
- राज्य में भारत के कुल वनों का लगभग 3.34 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।
- झारखण्ड के कुल क्षेत्रफल को 29.45 प्रतिशत भाग पर वन पाया जाता है।
- राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार कुल क्षेत्रफल के कम से कम 33 प्रतिशत भाग पर वनों का विस्तार होना चाहिए। यह प्रतिशत पर्वतीय पठारी एवं मैदानी भाग में क्रमश: 60,40 तथा 20 है।
- झारखण्ड में कुल वनों के क्षेत्रफल में 81.27 प्रतिशत सुरक्षित, 18.58 प्रतिशत आरक्षित तथा 0.14 प्रतिशत अवर्गीकृत वन हैं।
- झारखण्ड में वनों को दो वर्गों में रखा जा सकता है- (1) उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र पतझड़ वन एवं (2) उष्ण कटिबन्धीय शुष्क पतझड़ वन।
(i) उष्ण कटिबंधीय आर्द्र पतझड़ वन :
- उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र पतझड़ वनों का विकास झारखण्ड के उन क्षेत्रों में हुआ है, जहां औसत वार्षिक वर्षा 120 सेंमी. से अधिक होती है।
- ये वन रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, सरायकेला, पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद एवं संथाल परगना जिले में मुख्य रूप से पाये जाते हैं।
- इस वन का सबसे प्रमुख वृक्ष साल है। साल को पर्णपाती वनों का राजा कहा जाता है।
- सागवान: शीशम, गम्हार, करंज, कुसुम, खैर, जामुन, कटहल, आम आदि इस वन के अन्य प्रमुख वृक्ष हैं।
(ii) उष्ण कटिबन्धीय शुष्क पतझड़ वन :
- शुष्क पतझड़ वन का विकास वैसे क्षेत्रों में हुआ जहां औसत वार्षिक वर्षा 120 सेमी. से कम होती है।
- झारखण्ड में इस वन का विस्तार प्रदेश में उत्तर के तीन क्षेत्रों में पाया जाता है
(i) उत्तरी गढ़वा, पलामू, लातेहार और चतरा जिला।
(ii) उत्तरी हजारीबाग, गिरिडीह, कोडरमा और देवघर जिला।
(III) राजमहल पहाड़ी का पश्चिमी ढाल क्षेत्र ।
- साल इस वन का सबसे प्रमुख वृक्ष है।
- साल के अलावा इस प्रकार के वन में बांस, महुआ, खैर पलाश, आसन, अमलतास, आबनूस आदि जैसे वृक्ष पाये जाते हैं।
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(a) Forest Estates and Importance tree of Jharkhand
(b) Forest Creatures( Sanctuary National Park) in Jharkhand