Chota Nagpur Plateau in Hindi

Forest Estates and Important Trees of Jharkhand in Hindi

Forest Estates & Important Trees of Jharkhand: झारखण्ड की वन संपदा के अन्तर्गत वनों से प्राप्त होने वाले उत्पादों को शामिल किया जाता है। झारखण्ड क्षेत्र के प्रमुख वन उत्पाद के अन्तर्गत राज्य के वनों से प्राप्त होने वाली लकड़ियों को सम्मिलित कि जाता है, जिनमें साल, शीशम, सागवान, महुआ, पेसार, आम, कटहल, आसन, गम्हार, जामुन, हर्रे, बहेड़ा इत्यादि वन संपदा से निर्देशित है।

Forest Estates & Important Trees of Jharkhand:

वन सम्पदा

  • वन संपदा के अन्तर्गत वनों से प्राप्त होने वाले उत्पादों को शामिल किया जाता है।
  • झारखण्ड क्षेत्र के समस्त वन उत्पादित पदार्थों को दो वर्गों में रखा जाता है। ये हैं- प्रमुख वनीय उत्पाद एवं गौण वनीय उत्पाद
  • प्रमुख वन उत्पाद के अन्तर्गत राज्य के वनों से प्राप्त होने वाली लकड़ियों को सम्मिलित कि जाता है, जिनमें साल, शीशम, सागवान, महुआ, पेसार, आम, कटहल, आसन, गम्हार, जामुन, हर्रे, बहेड़ा इत्यादि प्रमुख हैं।
  • लाह, केन्दु पत्ता, बांस, सखुआ पत्ता, कत्था, औषधीय पौधे, विभिन्न प्रकार की घासें, गोंद इत्यादि झारखण्ड के जंगलों से प्राप्त होने वाले प्रमुख गौण वनीय उत्पाद हैं।
  • महुआ झारखण्ड के वनों का एक प्रमुख वृक्ष है। यह सम्पूर्ण झारखण्ड में पाया जाता है। इसके फूल, फल और लकड़ी सभी उपयोगी होते हैं। इसके फल का उपयोग तेल के उत्पादन एवं फुलों का उपयोग शराब के उत्पादन में किया जाता है।
  • साल (सखुआ) यहां का सबसे प्रमुख वृक्ष है, इसकी लकड़ी काफी कठोर तथा भारी होती है । इसका उपयोग, मकान, फर्श, फर्नीचर, रेलवे का स्लीपर आदि बनाने में होता है। इसकी लकड़ी भूरे रंग की होती है।
  • शीशम तथा सागवान कीमती तथा टिकाऊ लकड़ियां हैं, जिनका उपयोग फर्नीचरों, रेल के डिब्बो,रेलवे स्लीपरों, पुल, जलयानों के निर्माण आदि में किया जाता है।
  • सेमल के वृक्ष की लकड़ी मुलायम होती है, जिसका उपयोग पैकिंग के लिए पेटियां और खिलौने, माचिस के डिब्बे इत्यादि के निर्माण में होता है। सेमल की रूई काफी उपयोगी होती है।
  • जामुन की लकड़ी पानी में हजारों वर्ष रहने के बावजूद नहीं सड़ती है। स्थानीय प्रचलन में इसकी लकड़ी कुएं के आधार में दी जाती है।
  • हर्रे तथा बहेड़ा का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। प्रसिद्ध दवा त्रिफला चूर्ण में हर्रे एवं बहेड़ा के साथ आंवला भी होता है।
  • लाह के उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। देश में लाह का सर्वाधिक उत्पादन झारखण्ड में होता है। यहां भारत के कुल लाह उत्पादन का 50 प्रतिशत उत्पादित होता है।
  • केन्दू पत्ता झारखण्ड के वनोत्पाद में प्रमुख है, जिससे बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है। केन्दू पत्ता से बीड़ी एवं तम्बाकू के मिश्रण का निर्माण होता है। पलामू प्रमण्डल में यह सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है।
  • पलामू प्रमण्डल के जंगलों में खैर वृक्ष बहुतायत रूप में पाया जाता है। खैर वृक्षों की लकड़ियों को खौलाकर उसके रस से कत्था का उत्पादन किया जाता है। इससे भी भारी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होती है।
  • लघु वनोत्पाद में बांस का अपना अलग महत्व है, क्योंकि राज्य में ग्रामीण लोग बांस द्वारा खेती गृहस्थी एवं घरेलू उपयोग के सामान तैयार कर सीधे बाजार में बेचते हैं, जिससे उनकी आजीविका चलती है।

झारखण्ड में वनों की जिलावार स्थिति (भारतीय राज्य वन सर्वोक्षण रिपोर्ट-2015)

क्र.सं.जिलावनों के अंतर्गत भूमि (जिले के कुल क्षे. का प्रतिशत)
1चतरा47.42
2पलामू + लातेहार41.52
3कोडरमा41.67
4पश्चिमी सिंहभूम + सरायकेला खरसावां39.49
5लोहरदगा 33.47
6हजारीबाग + रामगढ़34.89
7गढ़वा34.02
8साहेबगंज32.39
9बोकारो29.29
10गुमला + सिमडेगा29.32
11पूर्वी सिंहभूम 30.29
12रांची + खूंटी26.97
13गोड्डा19.53
14पाकुड़18.27
15 गिरिडीह17.69
16दुमका + जामताड़ा10.64
17धनबाद6.74
18देवघर8.23
कुल29.45

Forest of Jharkhand in related links

1. Forest of Jharkhand in Hindi 

(a) Forest Estates and Important Trees of Jharkhand

(b) Forest Creatures( Sanctuary National Park) in Jharkhand

(c) Organic Feed in Jharkhand

Irrigation in Jharkhand in Hindi


Total
0
Shares
Previous Article
List Of Neighbouring Countries of India. The complete list of India's Neighbours

List of Neighbour Countries of India 2021 | Beyond Borders Of India

Next Article
Chota Nagpur Plateau in Hindi

Forest Creatures(Sanctuary, National Park) of Jharkhand in Hindi

Related Posts