Jharkhand in Medieval Age

- 12 अगस्त, 1765 को मुगल शासक शाहआलम द्वितीय ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की जिम्मेदारी सौंपी तथा अंग्रेजों का झारखण्ड में प्रवेश1767 ई. में आरम्भ हुआ।
- 1765 ई. में छोटानागपुर का क्षेत्र ब्रिटिश शासन के अन्तर्गत आया था।
- झारखण्ड में ‘अंग्रेजों का प्रवेश’ सर्वप्रथम सिंहभूम-मानभूम की ओर से हुआ।अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का प्रथम विगुल इसी क्षेत्र में बजा।
- उस समय सिंहभूम में प्रमुख राज्य ढालभूम, पोरहाट तथा कोल्हान थे।
- मार्च, 1766 में ईस्ट इण्डिया कम्पनी सरकार ने यह निर्धारित किया कि यदि सिंहभूम के राजागण कम्पनी की अधीनता तथा वार्षिक कर देना स्वीकार कर लेते हैं, तो उन पर सैनिक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
- सिंहभूम के राजाओं ने कम्पनी की शर्तों को मानने से इनकार किया। फलस्वरूप 1767 ई. में फर्ग्युसन के नेतृत्व में सिंहभूम पर आक्रमण किया गया। उस समय छोटानागपुर का पहाड़ी क्षेत्र विद्रोही जमींदारों का सुरक्षित आश्रय स्थल था।
- 1767 ई. में अंग्रेजों के सिंहभूम में प्रवेश के बाद ढालभूम के अपदस्थ राजा जगन्नाथ ढाल के नेतृत्व में एक व्यापक विद्रोह हुआ, जिसे ‘ढाल विद्रोह’ के नाम से जाना जाता है।
- धाल विद्रोह दस वर्षों तक चलता रहा। अंग्रेजी कम्पनी द्वारा इस विद्रोह के दमन हेतु लेफ्टिनेंट रूक एवं चार्ल्स मैगन को भेजा गया, किन्तु उन्हें सफलता नहीं मिली।
- 1777 ई. में अंग्रेजी कम्पनी द्वारा जगन्नाथ धाल को पुनः धालभूम का राजा स्वीकार करने के पश्चात् यह विद्रोह शांत हुआ।
- राजा बनने के बदले में जगन्नाथ धाल ने अंग्रेजी कम्पनी को तीन वर्षों में क्रमश: 2000 रुपये, 3000 रुपये तथा 4000 रुपये वार्षिक कर के रूप में देना स्वीकार किया। 1800 ई. में इस राशि को | बढ़ाकर 4267 रुपये कर दिया गया।
- How to Train AI Writing Tools to Mimic Your Brand Voice
- Comparing ChatGPT vs Jasper AI: Which One is Right for You?
- AI Design Tools Every Creative Professional Should Know
- How to Use AI for Social Media Marketing Success
- Best AI Writing Assistants for Content Creators
- Top 10 AI Tools to Supercharge Your Productivity in 2025