Singha Dynasty of Singhbhum : प्राचीन में राज्य निर्माण का कार्य मुण्डाओं ने आरंभ किया। झारखंड का इतिहास बहुत पुराना और गौरव से भरा रहा है। मैं इस लेख के माध्यम से झारखंड के इतिहास के बारे में जानकारी दे रहा हूँ।आशा है कि यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी और आपकी प्रतियोगी परीक्षाओं, झारखंड और जी.के. के बारे में सभी प्रकार की जानकारी के लिए मददगार साबित होगी। इसके लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट करें।
इनमें तीन राजवंश प्रमुख थे। ये हैं-छोटानागपुर के नागवंश, पलामू रक्सैल तथा सिंहभूम के सिंहवंश |
Singha Dynasty of Singhbhum | Jharkhand
- सिंहभूम को पोराहाट के सिंह राजाओं की भूमि के नाम से जाना जाता है। सिंहवंश के उत्तराधिकारियों का दावा है कि सिंहभूम में ‘हो’ जाति के प्रवेश के पूर्व से ही वे अपना राज्य स्थापित कर चुके थे।
- लेकिन हो जनजाति के सदस्य इस दावे का खण्डन करते हुए प्रतिवाद करते हैं कि सिंहभूम का नामकरण उनके कुल देवता सिंगबोंगा के नाम पर हुआ है। यह मत ज्यादा सही प्रतीत होता है।
- सिंह राजवंशी राठौर राजपूत थे, जो पश्चिमी भारत से आये थे और उन्होंने आठवीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर आधिपत्य जमा लिया।
- सिंहवंश की पहली शाखा के संस्थापक काशीनाथ सिंह थे। इस वंश ने बावन पीढ़ियों तक राज किया। सिंहवंश की दूसरी शाखा का सत्ताभिषेक 1205 ई. के करीब हुआ था। इस शाखा के संस्थापक दर्प नारायण सिंह थे।
- दर्प नारायण सिंह की मृत्यु के बाद युधिष्ठिर शासक बना, जो 1262 ई. से 1271 ई. तक शासन करता रहा।
- युधिष्ठिर का उत्तराधिकारी काशीराम सिंह था, जिसके समय में नयी राजधानी ‘पोराहाट’ में थी।
- इस राजवंश का चौथा शासक अच्युत सिंह था।
- 13वां राजा जगन्नाथ द्वितीय अत्याचारी व निरंकुश था, जिसके कारण भुइयां लोगों ने विद्रोह कर दिया था।
इनमें तीन राजवंश प्रमुख थे। ये हैं-छोटानागपुर के नागवंश, पलामू रक्सैल तथा सिंहभूम के सिंहवंश |
- COP28 and the Net Zero by 2050 Goal
- Cell Organelles: Understanding the Animal Cells
- Understanding the Speed of Light in Different Mediums
- Micronutrients for Plants and Animals: A Comprehensive Overview
- Tiger Reserves in India: Complete List
- How is Gen Z decorating their first homes?