जो शब्द परस्पर विपरीत या विरोधी अर्थ प्रकट करते हैँ, उन्हेँ विलोम शब्द या विपरीतार्थक अथवा प्रतिलोम शब्द कहते हैँ। विलोम शब्दोँ के लिए निम्नलिखित बातेँ ध्यान मेँ रखनी चाहिए –
- शब्द जिस स्तर का हो, उसका विलोम भी उसी स्तर का होना अति आवश्यक है। यदि शब्द तत्सम है तो विलोम भी तत्सम होगा, जैसे – हस्ति – हस्तिनी। यदि शब्द तद्भव है तो विलोम भी तद्भव होगा, जैसे – हाथी – हथिनी।
- संज्ञा का विपरीतार्थी शब्द संज्ञा तथा विशेषण के लिए विशेषण शब्द ही विलोम होगा। जैसे – अधिक – न्यून। अधिक का विलोम ‘कम’ नहीँ होगा क्योँकि ‘कम’ शब्द उर्दू का है। कम का विलोम ज्यादा होगा।
महत्त्वपूर्ण विलोम शब्द :
- शब्द – विलोम शब्द
- अंत – आदि
- अंश – पूर्ण
- अंतर्मुखी – बहिर्मुखी
- अंतरंग – बहिरंग
- अति – अल्प
- अपना – पराया
- अपराजित – पराजित
- अर्वाचीन – प्राचीन
- अकाल – सुकाल
- अभिज्ञ – अनभिज्ञ
- अनन्त – अन्त, सान्त
- अज्ञ – विज्ञ
- अधिमूल्यन – अवमूल्यन
- अपराधी – निरपराधी
- अथ (प्रारम्भ) – इति (समाप्ति)
- अकर्मक – सकर्मक
- अमृत – विष
- अथाह – छिछला
- अवर – प्रवर
- अवतल – उत्तल
- अतिथि – आतिथेय
- अतिवृष्टि – अनावृष्टि
- अधोगति – ऊर्ध्वगति
- अघोष – सघोष
- अभियुक्त – अभियोगी
- अग्र – पश्च
- अत्यधिक – स्वल्प
- अनुकूल – प्रतिकूल
- अनुराग – विराग
- अनुरक्त – विरक्त
- अनुरूप – प्रतिरूप
- अनाहूत – आहूत
- अग्रज – अनुज
- अधम – उत्तम
- अपेक्षा – उपेक्षा
- अल्पज्ञ – बहुज्ञ
- अल्पायु – चिरायु/दीर्घायु
- अवनि – अंबर
- असीम – ससीम
- अनुनासिक – निरानुनासिक
- अभिजात – अकुलीन
- अनिवार्य – ऐच्छिक/वैकल्पिक
- अधुनातन – पुरातन
- अस्त्रीकरण – निरस्त्रीकरण
- आदि – अंत
- आविर्भाव – तिरोभाव
- आरोह – अवरोह
- आगमन – निर्गमन
- आस्तिक – नास्तिक
- आग्रह – दुराग्रह
- आधुनिक – प्राचीन
- आविर्भूत – तिरोभूत/तिरोहित
- आवर्तक – अनावर्तक
- आगामी – विगत
- आज्ञा – अवज्ञा
- आर्द्र – शुष्क
- आलस्य – उद्यम
- आकाश – पाताल
- आचार – अनाचार
- आत्मनिर्भर – परजीवी
- आद्य – अंत्य
- आध्यात्मिक – सांसारिक
- आनन्द – शोक
- आह्लाद – विषाद
- आभ्यंतर – बाह्य
- आकुंचन – प्रसारण
- आह्वान – विसर्जन
- आलोचना – प्रशंसा
- आकर्षण – विकर्षण
- आमिष – निरामिष
- आसक्त – अनासक्त
- आशीर्वाद – अभिशाप
- आशा – निराशा
- आर – पार
- आवृत्त – अनावृत्त
- आस्था – अनास्था
- आयात – निर्यात
- आदान – प्रदान
- आया – गया
- आय – व्यय
- आश्रित – अनाश्रित
- इहलोक – परलोक
- इष्ट – अनिष्ट
- इच्छा – अनिच्छा
- ईश्वर – अनीश्वर
- उत्थान – पतन
- उद्धत – विनीत
- उपस्थित – अनुपस्थित
- उत्कृष्ट – निकृष्ट
- उपकार – अपकार
- उत्कर्ष – अपकर्ष
- उन्मीलन (खिलना) – निमीलन
- उन्नति – अवनति
- उद्घाटन – समापन
- उन्मूलन – स्थापन/रोपण
- उन्मुख – विमुख
- उपमान – उपमेय
- उर्वर – ऊसर/अनुर्वर
- उत्पति – विनाश
- उत्तरायण – दक्षिणायण
- उत्तरार्द्ध – पूर्वाद्ध
- उदयाचल – अस्ताचल
- उपमेय – अनुपमेय
- उपचार – अपचार
- उषा – संध्या
- उच्छ्वास – निःश्वास
- उज्ज्वल – धूमिल
- उत्तीर्ण – अनुत्तीर्ण
- उपार्जित – अनुपार्जित
- उल्लास – विषाद
- उपसर्ग – प्रत्यय
- उदार – अनुदार
- उद्भव – अवसान
- उपजाऊ – अनुपजाऊ
- उर्ध्व – अधर
- उधार – नकद
- उत्पादक – अनुत्पादक
- उपयोग – अनुपयोग/दुर्पयोग
- ऊपर – नीचे
- ऊँच – नीच
- ऋत – अनृत
- ऋण – उऋण
- ऋणी – धनी
- ऋजु – वक्र
- एक – अनेक
- एडी – चोटी
- एकता – अनेकता
- एकान्त – अनेकान्त
- एकाकी – समग्र
- एकार्थक – अनेकार्थक
- एकाधिकार – सर्वाधिकार
- ऐहिक – पारलौकिक
- ऐक्य – अनेक्य
- ऐश्वर्य – अनैश्वर्य
- औजस्वी – निस्तेज
- औचित्य – अनौचित्य
- औदार्य – अनौदार्य
- उपत्यका (पहाड़ के नीचे की समतल भूमि) – अधित्यका (पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि)
- कटु – मधुर
- कदाचार – सदाचार
- कापुरुष – पुरुषार्थी
- कनिष्ठ – वरिष्ठ/ज्येष्ठ
- कठोर – मुलायम
- क्रय – विक्रय
- कल्याण – अकल्याण
- कायर – वीर
- कडुवा – मीठा
- कपूत – सपूत
- कपटी – निष्कपट
- कमजोर – बलवान
- कमी – वृद्धि, बेशी
- कर्कश – मधुर
- कलंकित – निष्कलंक
- कल्पित – यथार्थ
- कलुषित – निष्कलंक
- कसूरवार – बेकसूर
- कटुभाषी – मृदुभाषी
- काला – गोरा
- कुलदीप – कुलांगार
- कुमारी – विवाहिता
- क्रोध – शान्ति
- कोलाहल – नीरवता
- कर्मण्य – अकर्मण्य
- करणीय – अकरणीय
- कार्य – अकार्य
- कुपथ – सुपथ
- कुगति – सुगति
- कुमार्ग – सुमार्ग
- कुमति – सुमति
- कुरूप – सुरूप
- कृत्रिम – नैसर्गिक
- कृष्ण – शुक्ल
- कुलटा – पतिव्रता
- कृपा – कोप
- कृश – पुष्ट/स्थूल
- क्रिया – प्रतिक्रिया
- कीर्ति – अपकीर्ति
- कुख्यात – विख्यात
- कृपण – उदार
- कृतज्ञ – कृतघ्न
- कुटिल – सरल
- कोमल – कठोर
- क्षुण्ण – अक्षुण्ण
- क्षुद्र – विराट
- खंडन – मंडन
- खरा – खोटा
- खगोल – भूगोल
- खीझना – रीझना
- खुशी – गम
- खुशकिस्मत – बदकिस्मत
- खुशबू – बदबू
- खेद – प्रसन्नता
- गणतंत्र – राजतंत्र
- गंभीर – वाचाल/चंचल, चपल
- गरल – सुधा
- गरिमा – लघिमा
- गहरा – उथला
- गृहस्थ – संन्यासी
- ग्राम – नगर
- ग्राह्य – अग्राह्य/त्याज्य
- गुप्त – प्रकट
- गुरु – लघु
- गोचर – अगोचर
- गौरव – लाघव
- गौण – मुख्य
- गुण – अवगुण/दोष
- गर्मी – सर्दी
- गमन – आगमन
- घना – छितरा
- घात – प्रतिघात
- घृणा – प्रेम
- चंचल – स्थिर
- चपल – गंभीर
- चर – अचर
- चतुर – मूर्ख
- चढ़ाव – उतार
- चिँतित – निश्चिँत
- चिर – स्थिर
- चेतन – अचेतन/जड़
- चेतना – मूर्च्छा
- छली – निश्छल
- छाया – धूप
- जंगम – स्थावर
- जय – पराजय
- जन्म – मृत्यु
- जागरण – सषुप्ति/निद्रा
- जाग्रत – सुषुप्त
- जटिल – सरल
- जल – थल
- जीत – हार
- जीवित – मृत
- जीव – जड़
- ज्योति – तम
- जीर्ण – अजीर्ण
- ज्येष्ठ – लघु
- ज्ञात – अज्ञात
- ज्ञान – अज्ञान
- ज्ञेय – अज्ञेय
- झूँठ – साँच
- झूठा – सच्चा
- झोँपड़ी – महल
- ठोस – द्रव/तरल
- ढ़ाल – चढ़ाई
- तटस्थ – पक्षपाती
- तर – शुष्क
- तरुण – वृद्ध
- तप्त – शीतल
- त्यक्त – गृहीत
- त्याज्य – ग्राह्य
- तामसिक – सात्विक
- तारीफ – बुराई
- तिमिर – प्रकाश
- तीव्र – मंद/मन्थर
- तुच्छ – महान
- तृष्णा – वितृष्णा
- तृषा – तृप्ति
- त्याग – भोग
- तीक्ष्ण – सरल
- थाह – अथाह
- थोक – खुदरा
- थोड़ा – बहुत
- दरिद्र – धनी
- दया – क्रूरता
- दक्षिण – उत्तर
- दाता – गृहीता, कृपण
- दिन – रात
- दिवा – रात्रि
- दीर्घ – लघु
- दीर्घकाय – लघुकाय
- दुर्गन्ध – सुगन्ध
- दृश्य – अदृश्य
- दुराचार – सदाचार
- दुर्जन – सज्जन
- दुरुपयोग – सदुपयोग
- दुराचारी – सदाचारी
- दुष्कर – सुकर
- दुष्प्राप्य – सुप्राप्य
- द्रुत – मंथर
- दूर – पास
- देव – दानव
- देनदार – लेनदार
- देशभक्त – देशद्रोही
- द्वेष – सद्भावना
- द्वैत – अद्वैत
- दिव्य – अदिव्य
- द्वन्द्व – निर्द्वन्द्व
- दुरात्मा – महात्मा
- दुःख – सुख
- दुर्गम – सुगम
- धर्म – अधर्म
- ध्वंस – निर्माण
- ध्वल – श्याम
- धरा – गगन
- धनात्मक – ऋणात्मक
- धीर – अधीर
- धीरज – उतावलापन
- धृष्ट – विनम्र
- धूप – छाँव
- नया – पुराना
- नश्वर – शाश्वत
- न्यून – अधिक
- नगर – ग्राम
- नवीन – प्राचीन
- नत – उन्नत
- नराधम – नरपुंगव
- नम्र – अनम्र
- नमकहराम – नमकहलाल
- निर्भीक – भीरु
- निरुद्देश्य – सोद्देश्य
- निर्मल – मलिन
- निषिद्ध – विहित
- निर्बल – सबल
- निर्लज्ज – सलज्ज
- निरर्थक – सार्थक
- निर्गुण – सगुण
- निराधार – साधार
- निराकार – साकार
- निँद्य – वंद्य
- निष्क्रिय – सक्रिय
- निन्दा – स्तुति
- निरपेक्ष – सापेक्ष
- निश्चल – चंचल
- निस्वार्थ – स्वार्थी
- नीरस – सरस
- नूतन – पुरातन
- नेकी – बदी
- नैतिक – अनैतिक
- निष्काम – सकाम
- नर – नारी
- निरक्षर – साक्षर
- पठित – अपठित
- परमार्थ – स्वार्थ
- पण्डित – मूर्ख
- परतंत्र – स्वतंत्र
- पवित्र – अपवित्र
- पराधीन – स्वाधीन
- परकीय – स्वकीय
- पहले – पीछे
- प्रधान – गौण
- प्रशंसा – निन्दा
- प्रवृत्ति – निवृत्ति
- प्राकृतिक – अप्राकृतिक
- प्रत्यक्ष – परोक्ष/अप्रत्यक्ष
- परितोष – दंड
- पाश्चात्य – पौर्वात्य/पौरस्त्य
- प्रसारण – संकुचन
- पदोन्नत – पदावनत
- पाप – पुण्य
- पावन – अपावन
- पात्र – अपात्र
- पेय – अपेय
- पुरुष – स्त्री
- पूर्ण – अपूर्ण
- पाठ्य – अपाठ्य
- पदस्थ – अपदस्थ
- पक्ष – विपक्ष
- पल्लवन – संक्षेपण
- परिश्रम – विश्राम
- प्रलय – सृष्टि
- प्रश्न – उत्तर
- प्रगति – अवनति
- प्रथम – अंतिम
- प्रवेश – निकास
- प्रतीची – प्राची
- प्रफुल्ल – ग्लान
- प्रसाद – विषाद
- प्रज्ञ – मूढ़
- प्रारंभिक – अंतिम
- पार्थिव – अपार्थिव
- पालक – घालक/संहारक
- पापी – निष्पाप
- प्रीति – द्वेष
- पुरस्कृत – दंडित
- पुरोगामी – पश्चगामी
- पुष्ट – क्षीण
- पूर्णिमा – अमावस्या
- पूर्ववर्ती – परवर्ती
- प्रेम – घृणा
- प्रेषक – प्रापक
- पैना – भौथरा
- प्रोत्साहित – हतोत्साहित
- फूल – काँटा
- बहिष्कार – स्वीकार
- बद्ध – मुक्त
- बंधन – मुक्ति/मोक्ष
- बढ़िया – घटिया
- बलवान – कमजोर
- बंजर – उर्वर
- बलिष्ठ – दुर्बल
- बसंत – पतझड़
- बहादुर – डरपोक
- बर्बर – सभ्य
- बाढ़ – सूखा
- बाह्य – आंतरिक
- भद्र – अभद्र
- भलाई – बुराई
- भारी – हल्का
- भूत – भविष्य
- भोगी – योगी
- भ्रान्त – निभ्रान्त
- भला – बुरा
- भौतिक – आध्यात्मिक
- भेद – अभेद
- भेद्य – अभेद्य
- ममत्व – परत्व
- मग्न – दुखी/ऊपर
- मंगल – अमंगल
- मसृण – रुक्ष
- मनुज – दनुज
- ममता – निष्ठुरता
- महीन – मोटा
- मत – विमत
- मति – कुमति
- मनुष्यता – पशुता
- मान – अपमान
- मित्र – शत्रु
- मितव्यय – अपव्यय
- मिलन – बिछोह
- मिथ्या – सत्य
- मुनाफा – घाटा
- मुख्य – गौण
- मूढ़ – ज्ञानी
- मूक – वाचाल
- मेहमान – मेज़बान
- मौखिक – लिखित
- मौन – मुखर, वाचाल
- मानवीय – अमानवीय
- मूल्यवान – मूल्यहीन
- यश – अपयश
- युगल – एकल
- युद्ध – शांति
- योग – वियोग
- यौवन – वार्धक्य
- रत – विरत
- रक्षण – भक्षण
- रक्षक – भक्षक
- रद्द – बहाल
- रचनात्मक – ध्वंसात्मक
- रसीला – नीरस
- रति – विरति
- राग – द्वेष, विराग
- राजा – रंक
- रिक्त – पूर्ण
- रीता – भरा
- रुचि – अरुचि
- रुग्ण – स्वस्थ
- रुदन – हास्य
- ललित – कुरूप
- लघु – विशाल/गुरु/दीर्घ
- लाभ – हानि
- लिप्त – निर्लिप्त
- लिखित – अलिखित
- लुप्त – व्यक्त
- लुभावना – घिनौना
- लोक – परलोक
- लोभ – त्याग
- लौकिक – अलौकिक
- वक्र – सरल
- वक्ता – श्रोता
- वर – वधू
- वफादार – बेवफा
- वरदान – अभिशाप
- व्यक्ति – समाज
- व्यक्तिगत – सामूहिक/समष्टिगत
- व्यष्टि – समष्टि
- व्यभिचारी – सदाचारी
- व्यर्थ – अव्यर्थ
- वन्य – पालतु
- वादी – प्रतिवादी
- वाकिफ – नावाकिफ
- व्यवस्था – अव्यवस्था
- विधवा – सधवा
- विभव – पराभव
- विश्लेषण – संश्लेषण
- विपदा – सम्पदा
- विधि – निषेध
- विस्तार – संक्षेप
- विकल – अविकल
- विज्ञ – अविज्ञ
- विजयी – परास्त
- विनीत – उद्धत
- विपति – सम्पत्ति
- विशेष/विशिष्ट – साधारण
- विराट – क्षुद्र
- विस्तृत – संक्षिप्त
- विरह – मिलन
- विकल्प – संकल्प
- विद्वान – मूर्ख
- विवादित – निर्विवाद
- विजेता – विजित
- वियोग – संयोग
- विदाई – स्वागत
- विपुल – अल्प
- विलास – तपस्या
- वेदना – आनन्द
- वैमनस्य – सौमनस्य
- वैतनिक – अवैतनिक
- शकुन – अपशकुन
- श्लील – अश्लील
- शत्रुता – मित्रता
- शयन – जागरण
- शर्मदार – बेशर्म
- शहरी – देहाती
- श्लाघा – निँदा
- श्वेत – श्याम
- शायद – अवश्य
- शासक – शासित
- शालीन – धृष्ट
- शान्त – अशान्त
- शिव – अशिव
- शीत – उष्ण
- शीर्ष – तल
- शिष्ट – अशिष्ट
- श्रीगणेश – इतिश्री
- शुभ – अशुभ
- शूरता – भीरुता
- शृंखलित – विशृंखलित
- शोहरत – बदनामी
- शोक – हर्ष
- शोषक – पोषक
- समर्थ – असमर्थ
- सूम – उदार
- सुबोध – दुर्बोध
- सन्देह – विश्वास
- सौभाग्य – दुर्भाग्य
- सम्पन्नता – विपन्नता
- सन्धि – विग्रह
- सम्भोग – विप्रलम्भ
- समास – व्यास
- स्थूल – सूक्ष्म
- सक्षम – अक्षम
- सजीव – निर्जीव
- सत्याग्रह – दुराग्रह
- सभ्य – असभ्य
- संघठन – विघटन
- सजल – निर्जल
- सत्य – असत्य
- संतोष – असंतोष
- सफलता – असफलता
- संकीर्ण – विस्तृत/विस्तीर्ण
- संन्यासी – गृहस्थ
- संयुक्त – वियुक्त
- संध्या – प्रातः
- सदाशय – दुराशय
- सत्कार – तिरस्कार
- समूल – निर्मूल
- सहज – कठिन
- सम – विषम
- सचेष्ट – निश्चेष्ट
- सघन – विरल
- स्मरण – विस्मरण
- स्मृत – विस्मृत
- स्वदेश – परदेश/विदेश
- साधर्म्य – वैधर्म्य
- साहचर्य – पृथक्करण
- सार – निस्सार
- सित – असित
- सुपुत्र – कुपुत्र
- सुखांत – दुखांत
- सुरीला – बेसुरा
- सृजन – संहार
- हरा – सूखा
- हर्ष – विषाद
- हृस्व – दीर्घ
- ह्रास – वृद्धि
- हिँसा – अहिँसा
- हित – अहित
- हेय – प्रेय
- होनी – अनहोनी
- क्षणिक – शाश्वत।