Animal Husbandry of Jharkhand: झारखंड के ग्रामीण इलाकों के विकास में मत्स्य विकास कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| मछली लोगों की पोषण संबंधी खाद्य आवश्यकताएं पूरक करने के लिए कार्य करता है, इसके उत्पादन से अतिरिक्त रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं और इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में आय स्तर में सुधार होता है।
Animal Husbandry of Jharkhand:
- झारखंड एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का विशेष महत्व हैं।
- राज्य के ग्रामीण परिवार मुख्यतः भूमिहीन और छोटे किसान पशुपालन और डेयरी को आय के पूरक साधन के रूप में अपनाते हैं।
- राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में गैस, गाय, बकरी, सुअर मुर्गी आदि का पालन किया जाता है।
- झारखंडमें दुधारू पशुओं की संख्या 73.40 लाख है। .
- राज्य में दुग्ध उत्पादन 3.90 लाख टन प्रति वर्ष होता है।
- राज्य में प्रति दुधारू मवेशी औसत दूध उत्पादन 098 किलोग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत 3.00 किलो ग्राम प्रतिदिन से बहुत कम है।
- झारखंडमें प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 140 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत 225 ग्राम प्रति व्यक्ति से काफी कम है।
- झारखण्ड में डेयरी उद्योग के प्रमुख केन्द्र रांची, बोकारो, जमशेदपुर तथा धनवाद है।
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